उन लोगों को समर्पित जिन्होंने मुझे कुछ अच्छा करने के काबिल बनाया

मेरे गुरुजी - जिनसे मैंने कुछ भी सीखा वे सब मेरे गुरु हैं पर जिनके हाथों में मैं अपने जीवन की बागड़ोर सौपना चाहता हूं, जिन्होंने अपनी ममताम्यी गोद में मेरे जैसे अनगिनत बच्चों को सम्हाल लिया, जिनके पितातुल्य पौरुष से हमने बल और साहस पाया, ऐसे हमारे प्यारे गुरुजी, गायत्री परिवार के संस्थापक परमपूज्य पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी जिन्होंने अपने विचारों और प्रेम से मुझे दूसरा जन्म दिया।

मेरा परिवार - जब अपने परिवार के बारे में सोचता हूं तो अपना सौभाग्य साफ दिखाई देता है, लगता है की या तो पिछले जन्मों में कुछ अच्छे कर्म किए होंगे या भगवान ने मेरे ऊपर कुछ ज्यादा ही कृपा बरसाई है जो इतना अच्छा परिवार दिया। यदि दुर्भाग्य से किसी को गलत मार्ग पर चलने वाला परिवार मिल जाए तो उसमें जन्म लेने वाला अबोध बच्चा उत्तम मार्ग पर चलने लगे यह तो भगवान की विशेष कृपा से ही हो सकता है।

मेरे अनमोल मित्र - मैंने ऐसे मित्र पाए जिन्होंने मेरा परिवार की तरह ही ध्यान रखा इसलिए उनके लिए भी मेरे मन मे वही भाव आते हैं जो परिवार के लिए आते है। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं जो मुझे ऐसे मित्र मिले जो मेरी परेशानियों में दिन रात मेरे लिए तैयार खड़े मिले पर मेरे गलत फैसलों पर मेरे विरोध में भी सबसे पहले खड़े मिले। जिसके ऐसे मित्र हों उसे सौभाग्यशाली न कहेंगे तो क्या कहेंगे, वह करुणामई भगवान और किस रूप में हर कदम पर बुरी बातों से मेरी रक्षा करने आता।

मेरी प्रेणास्रोत - देखा गया है कि जब किसी इंसान की जिंदगी में सबकुछ अच्छा हो तो फिर उसे नींद बड़ी अच्छी आती है और बहुत बार ऐसा होता है कि उस नींद से शरीर तो जाग जाता है पर वह इंसान जिंदगी भर सोता ही रह जाता है, जब तक की कोई उसे जगा न दे, ऐसे ही मेरी जीवन में जागृति लेकर आईं मेरी प्रेरणास्रोत मेरी अनन्य मित्र प्रिया ओझा। उनके आचरण को देखकर एहसास हुआ की जिंदगी खाने - कमाने या मौज उड़ाने में ही निकल गई तो वो जिंदगी किस काम की। भगवान से अपने लिए मांगते हुए तो दुनिया देखी पर जो भगवान को देने की हिम्मत और पुरुषार्थ रखती हो वो ऐसी पावन आत्मा है।

हर तरफ से इतना सब कुछ मिलने के बाद भी मैं वापस लौटाने के लिए कुछ न करूं तो एक मनुष्य होने के नाते ये किसी भी तरह शोभा नही देगा।

आप सब मेरी जिंदगी का हिस्सा बने, मुझे जीना सिखाया, आप सबको शत शत नमन।

माना की हम हमेशा साथ नहीं होते पर हम एक दूसरे के बिना भी नहीं होते, मैं जो कुछ भी अच्छा कर पाता हूं , अच्छा सोच पाता हूं , अच्छा समझ पाता हूं और अच्छा देख पाता हूं उस सबके पीछे आप हो। ये सब आपके बिना कभी नही होता।

आप हमेशा मेरे साथ थे, हो और रहोगे।

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